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दौराने कि़रत एक आयत छूट गई तो क्या हुकुम है
मसअला :ज़ैद ईमामत कर रहा था मगरिब कि नमाज़ में सूरह क़दर कि तिलावत की
انا انزلنہ فی لیلتہ القدر
पढा़ उस के बाद
ومادرک ما لیلتہ القدر
भुल कर छोड़ दिया बाक़ी सब आयतें पढी़ सजदह सहव भी नही किया तो नमाज़ का क्या हुकम है ?
जवाब: सुरते मसऊला में नमाज़ हे गई क्यूँकि फिक़्ह का ये क़ाइदह है के किरत में ऐसी गलती हुई कि जिससे
माना बिगड़ गया तो नमाज़ फासिद हो गई वरना नहीं
(बहारे शरीअत भाग ३ किरत में गलती हो जाने का ब्यान)
चूंकि
وما ادرک ما لیلتہ القدر
छूट जाने से माना बिगड़ नही रहा है इस लिए नमाज़ हे गई सजद ए सहव की हाजत नही
واللہ تعالی اعلم بالصواب
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मौलाना रिजवानुल क़ादरी सेम्बरी