क्या सिर्फ औरतों की गवाही से निकाह मुनअक़ीद हो सकता है
सवाल क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की निकाह में गवाह दो औरतें हैं तो क्या गवाही मानी जाएगी ? यानी निकाह हो जाएगा हवाला के साथ जवाब इनायत करें
साईल जाबिर अली (बलरामपुरी)
जवाब निकाह मुनअक़ीद होने के लिए दो मर्द या एक मर्द दो औरतों का होना ज़रूरी है सिर्फ दो औरतों से ना निकाह मुनअक़ीद होगा और ना ही गवाही मानी जाएगी इरशाद ए रब्बानी है
وَ اسْتَشْهِدُوْا شَهِیْدَیْنِ مِنْ رِّجَالِكُمْ فَاِنْ لَّمْ یَكُوْنَا رَجُلَیْنِ فَرَجُلٌ وَّ امْرَاَتٰنِ مِمَّنْ تَرْضَوْنَ مِنَ الشُّهَدَآءِ اَنْ تَضِلَّ اِحْدٰىهُمَا فَتُذَكِّرَ اِحْدٰىهُمَا الْاُخْرٰى
और दो गवाह कर लो अपने मर्दों में से फिर अगर दो मर्द ना हो तो एक मर्द और दो औरतें ऐसे गवाह जिनको पसंद करो कि कहीं उनमें एक औरत भुले तो उस एक को दूसरी याद दिलावे (सूरह बक़रा आयत नंबर २८२)
इस आयत के तहत तफसीरे सिरातुल जिनान में मदारिक बक़रा, आयत,२८२ सफा १४४ के तहत है हुदूदू क़सास में औरतों की गवाही बिल्कुल मुअतबर नहीं सिर्फ मर्दों की शहादत ज़रूरी है, इसके सिवा और मामलात में एक मर्द और दो औरतों की गवाही भी मक़बूल है फतावा आलमगीर में सफ २६७ जिल्द १ में है
ولا ینعقد بشھادۃ المرأتین بغیر رجل و کذا الخنثین اذا لم یکن معھما رجل ھکذا فی فتاویٰ قاضی خان
दुर्रे मुख्तार में है
شرطہ حضور شاھدین حرین أو حر و حرتین مکلفین
यानी निकाह मुनअक़िद होने की शर्त यह है कि दो मर्द या एक मर्द और दो औरतें आक़िल बालिग और हुर्र मजलिस में हाज़िर हों (बहवाला फतावा रज़विया जिल्द ११ सफा २१७)
बहारे शरीअत में निकाह के शराईत बयान करते हुए अल्लामा सदरुश्शरीआ अलैहिर्रहमां तहरीर फरमाते हैं की
गवाह होना यानी एजाब व कुबूल दो मर्द या एक मर्द और दो औरतों के सामने हों, गवाह आज़ाद अक़िल, बालिग हों और सब ने एक साथ निकाह के अल्फाज़ सुनें बच्चों और पागलों की गवाही से निकाह नहीं हो सकता ना गुलाम की गवाही से अगर्चे मुदब्बिर या मुकातिब हो(बहारे शरीअत)
والله تعالی اعلم بالصواب
अज़ कलम
फकीर ताज मोहम्मद कदरी वाहिदी
हिन्दी ट्रान्सलेट
मौलाना रिजवानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी