क्या क्रीम लगा कर नमाज़ पढ़ना दुरुस्त है?
सवाल उम्मीद करता हूं कि आप खैरियत से होंगे मेरा सवाल है कि मैं बोरो प्लस या बोरोलीन लगा कर नमाज़ पढ़ूं तो मेरी नमाज़ दुरुस्त होगी या नहीं
साईल मोहम्मद नासिर रज़ा ईसमाईली (गोंडा)
जवाब: बोरो प्लस और बोरोलीन में अव्वलन यही साबित नहीं है कि ईस्प्रिट (शराब की एक किस्म है जो दवाइयों में मिलाई जाती है) या कोई हराम अजज़ा की अमेज़श है और जब सुबूत यक़ीनी ही नहीं है तो इस सूरत में उसका इस्तेमाल भी हराम नहीं है
जैसा की फतावा बहरुल उलूम जिल्द पंजूम सफा 364 में अंग्रेजी दवाएं फौटन पेन की रौशनाई में ईस्प्रिट मिलाई जाती हैं की नही के जवाब में इरशाद फरमाते हैं
स्पिरीट मिलाने का सबूत यक़ीनी नहीं है इसलिए इसका इस्तेमाल हराम नहीं है
इमाम मोहम्मद फरमाते हैं
به ناخذمالم تعرف شئياحرام بعينه وهوقول ابى حنيفة واصحابه
हां अगर किसी फर्द के मुतअलिक़ बिल यक़ीन , मालूम हो जाए तो उसका इस्तेमाल अलबत्ता ममनुअ होगा
इसलिए बोरो प्लस बोरोलीन और किसी दूसरी क्रीम के मुतअल्लिक़ जब तक यक़ीन के साथ मालूम ना हो जाए कि ईस्प्रिट या कोई हराम अजज़ा मिली हुई है उस वक़्त तक उसका इस्तेमाल जायज़ है जब जायज़ है तो उसे लगा कर नमाज़ अदा करने में कोई हर्ज नहीं है
अलबत्ता बगैर बोरोलीन और बोरो प्लस के इस्तेमाल किए नमाज़ पढ़ना अहवत ज़रूर है क्योंकि فی زماننا تعصبانہ तौर पर निजासतों की मिलावट का ज़्यादा इम्कान है فلہٰذا अगर उनके इस्तेमाल की कोई सही गर्ज़ ना हो तो इहतियात ही उला है
والله اعلم بالصواب
अज़ क़लम
मोहम्मद रज़ा अमजदी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)