दुआ में हाथ कितना बुलंद होना चाहिए
सवाल क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसअला में की नमाज़ बाद हाथ उठा कर दुआ मांगना जायज़ है या नहीं ? अगर जायज़ है तो हाथ कितना बुलंद होना चाहिए
साईलमोहम्मद सालेह
जवाब हाथ उठा कर दुआ मांगना मुतलक़न जायज़ है नमाज़ बाद हो या औरादो वज़ाईफ के बाद,
जैसा की हदीस शरीफ में है
قَالَ أَبُو مُوسَى الْأَشْعَرِيُّ دَعَا النَّبِيُّ صَلَّى اللَّهُ عَلَيْهِ وَسَلَّمَ ثُمَّ رَفَعَ يَدَيْهِ وَرَأَيْتُ بَيَاضَ إِبْطَيْهِ،
हज़रत अबू मूसा अशअरी रज़ि अल्लाहू तआला अन्हू ने कहा कि नबी ए करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने दुआ की और अपने हाथ उठाए तो मैं ने आप की बगलों की सफेदी देखी,
(सही बुखारी किताब : दुआओं का बयान हदीस नंबर ६३४१)
सरकारे आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खान फाज़िले बरैलवी अलैहिर्रहमतो वर्रिज़वान ने दुआ में हाथ मूंढे तक बुलंद होना तहरीर फरमाया है
मज़ीद मालूमात के लिए देखें
(फतावा रज़विया जिल्द ८ सफा ४९५)
والله تعالی اعلم بالصواب
अज़ क़लम फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी अतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)
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