हुजूर ﷺ को नईब ए खुदा कहना कैसा है
सवाल : किया फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसले में कि नबी ﷺ को नाईब ए खुदा कह सकते हैं या नहीं ? हवाला के साथ जवाब इनायत फरमाएं मेहरबानी होगी
साईल : अब्दुस सुब्हान रज़ा ख़ान ह़नफी बरेलवी (गोरखपुर)
जवाब : नबी करीम ﷺ को नईब ए खुदा कहना बिलाशुब्ह दुरुस्त है जैसा कि अल्लाह ﷻ खुद फरमाता है कि
" اِنِّیۡ جَاعِلٌ فِی الۡاَرۡضِ خَلِیۡفَة " اھ
यानी मैं ज़मीन में अपना नाईब बनाने वाला हूं .........
(पारा १ सुरह बक़रा आयत ३०)
और अल्लामा अल वसी फरमाते हैं
کان ....... رمزا الی ان المقبل علیه بالخطاب له الحظ الاعظم فھو ﷺ علی الحقیقة الخلیفة الاعظم ولو لاہ ما خلق آدم ولا ولا " اھ
यानी हुजूर नबी ﷺ की ज़ाते मुक़द्दस ही हक़ीक़त में खलीफा ए आज़म है और यह ज़ात ए गरामी ना होती तो आदम ही पैदा ना होते बल्कि कुछ भी ना होता .......
(تفسیر روح المعانی ج 1 ص 218 : احیاء التراث العربی)
और हुजूर शारेह बुखारी अल्लामा मुफ्ती शरीफुल हक़ अमजदी अलैहिर्रहमा तहरीर फरमाते हैं की
हुजूर अक़द्दस ﷺ अल्लाह ﷻ के नाईब ए अकबरमज़हरे उत्तम (مظہر اتم) मज़हरे ज़ात व सिफात है ...........
(फतावा ए शारेह बुखारी जिल्द १ सफा ३५३)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
अज़ क़लम
मोहम्मद करीमुल्लाह रिज़वी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)