(हराम शैय हलाल खाने में मिल जाए तो क्या करे ?)
अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाहि बरकातूहसवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम मसअला ज़ेल के बारे में कि अगर बकरे के कपूरे जाने में या अनजाने में गोश्त समेत पका दिए जाएं और बाद में उन कपूरों को निकाल दिया जाए तो उस गोश्त को खाना कैसा है ?मअ हवाला जवाब इनायत फरमा कर शुक्रिया का मौक़ा फराहम किजिए
साइल : शकील रज़ा जम्मू कश्मीर
व अलैकुम अस्सलाम व रहमतुल्लाहि बरकातूह
जवाब : सुरते मसऊला में उस गोश्त का खाना जायज़ नहीं है।क्यों कि जानवर के जिन सात आज़ा का खाना हराम है उन में से एक कपूरे (खुसीए, testicle) का खाना भी है जो की नाजायज़ व हराम है।जैसा की हज़रत शैख निज़ामुद्दीन और उलमा ए हिंद के एक जमाअत ने तहरीर फरमाया है
" أما بيان ما یحرم اکله من اجزاء الحیوان سبعة الدم المسفوح والذکر والأنثیان والقبل والغدۃ والمثانة والمرارۃ اه "
तर्जुमा : लेकिन यह बयान की हैवान के अजज़ा में से जिन का खाना हराम है वह सात हैं।
(1) बहने वाला खून
(2) ज़कर (लिंग)
(3) खुसीए (testicle)
(4) शर्मगाह
(5) गुदूद (हराम मग्ज़)
(6) मसाना
(7) पित्ता
(फतावा आलमगीरी जिल्द 5 सफा 290)
और हलाल व हराम शैय का जब इज्तिमा हो जाए तो कुल हराम क़रार दिया जाएगा।जैसा कि अल अश्बाह वन्नज़ाइर में है
" إذا إجتمع الحلال والحرام غلب الحرام اھ "
तर्जुमा : जब हलाल व हराम मुजतमा हो तो हराम को गलबा होता है।(अल फन्नुल अव्वल, अल क़ाइदतुस सानियह, जिल्द 1 सफा 301, मतबूआ अल मकतबतुल फैसल, देवबंद)
सैय्यदी आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा अलैहिर्रहमा ने तहरीर फरमाया है कि हराम शैय जलने के बाद भी हराम रहेगी, और दूसरी शैय में अगर ऐसी मखलूत होगी कि तमीज़ नामुमकिन है तो उसे भी हराम कर देगी।(फतावा रज़विया शरीफ जिल्द 20, सफा 263 मतबूआ रज़ा फाउंडेशन लाहौर)वल्लाहु तआला व रसूलुहुल आला आलमु बिस्सवाब अज़्ज़ व जल व सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम
अज़ क़लम
अब्दुल वकील सिद्दीक़ी नक्शबंदी फलोदी राजस्थान अल हिंद
23 जमादिल अव्वल 1446 हिजरी मुताबिक़ 26 नवम्बर 2024 बरोज़ मंगल
हिंदी अनुवादक
मुहम्मद रिज़वानुल क़ादरी अशरफी सेमरबारी दुदही कुशीनगर
मुक़ीम : पुणे महाराष्ट्र
16 जमादिल आखिर 1446 हिजरी मुताबिक़ 19 दिसंबर 2024 ब रोज़ जुमेरात
मीन जानिब : मसाइले शरइय्या ग्रुप