एक सजदा छूट गया तो क्या हुक्म है
सवाल खालिद नमाज़ पढ़ रहा था दूसरी रकात में एक ही सजदा किया फिर चार रकात मुकम्मल करने के बाद सलाम फेरते वक़्त याद आया तो सजदा सहू कर लिया तो क्या हुकुम है
जवाब सुरते मसउला में नमाज़ ना हुई क्योंकि दोनों सजदा फर्ज़ है और तर्क फर्ज़ पर नमाज़ नहीं होती है अगर्चे सजदा ए सहू कर ले
क्योंकि सजदा सहव तर्क वाजिब के कमी को पूरा करता है ना की फर्ज़ के कमी को (आम कुतुबे फिक़्ह)
हां जब उसे याद आया था उस वक़्त एक सजदा करता फिर सजदा सहू कर लेता तो नमाज़ हो जाती
जैसा कि अल्लामा सदरुश्शरिया अलैहिर्रहमां तहरीर फरमाते हैं कि
एक सजदा किसी रकात का भूल गया तो जब याद आए कर ले अगर्चे सलाम के बाद बशर्ते कि कोई फेल मनाफी ना सादिर हुआ हो और सजदा सहू करे (बहारे शरीअत हिस्सा ३)
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मौलाना रिजवानुल क़ादरी सेम्बरी