सवाल : क्या फरमाते हैं उलमा ए किराम इस मसला मे की ज़ैद ने कहा कि इब्लीस फरिश्तों का सरदार था नेज़ यह भी कहता है कि वह फरिश्तों में से था तो क्या यह दुरुस्त है और ज़ैद के बारे में हुक्में शरअ क्या है ?
साईल : अब्दुल्लाह क़ादरी
जवाब : ज़ैद का कहना कि इब्लीस फरिश्तों का सरदार था दुरुस्त है, नेज़ यह कहना कि फरिश्तों में से था यह भी दुरुस्त है,जैसा कि इब्ने जरिह बयान करते हैं की इब्ने अब्बास रज़ि अल्लाहू अन्हुमा ने फरमाया इब्लीस फरिश्तों के सरदारों में से था और उसका क़बीला बर तर व आला और सबसे मुअज़्ज़ था, वह जन्नत के बाग़ात का निगरां था और आसमान दुनिया और ज़मीन पर उसकी बादशाहत थी,
और एक रिवायत में इब्ने अब्बास रज़ि अल्लाहू अन्हुमा ने फरमाया फरिश्तों का एक क़बीला जिन्नात में से था और इब्लीस उसी क़बीला से था इब्लीस आसमान और ज़मीन के दरमियान का नाज़िम निगरां था,
अबू मालिक और अबू सालेह इब्न अब्बास रज़ि अल्लाहू अन्हुमा से और मर्रह हमदानी इब्ने मसउद रज़ि अल्लाहू अन्हू और दिगर असहाब रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम से नक़ल करते कि उन्होंने फरमाया इब्लीस को आसमान दुनिया पर मुक़र्रर किया गया था, उसका तअल्लुक़ फरिश्तों के उस गिरोह से था जिसे जिन कहा जाता है उनका नाम जिन इसलिए रखा गया था कि यह जन्नत के मुहाफिज़ व निगरां थे, और इब्लीस भी अपनी बादशाहत के साथ साथ मुहाफिज़ व निगरा था, और यह बहुत ज़्यादा इबादत गुज़ार था ज़हाक बिन मज़हम अल्लाह तआला के इस फरमान
فَسَجَدُوْآ اِلَّا اِبْلِیْسَ کَانَ مِنَ الْجِنْ
की तफसीर में इब्न अब्बास रज़ि अल्लाहू अन्हुमा का क़ाॅल नक़ल करते हैं की उन्होंने इस आयत की तफसीर में फरमाया कि इब्लीस फरिश्तों का सरदार था और उसका क़बीला उन सब में मुअज़्ज़ व मोहतरम था उसके अलावा वह बहिश्त के बाग़ात पर निगरां भी था और उसे आसमान व दुनिया ज़मीन की बादशाहत भी बख्शी गई थी, और एक दूसरी जगह इब्ने अब्बास रज़ि अल्लाहू अन्हू से रिवायत है कि फरिश्तों का एक क़बीला जिसे जिन कहा जाता है इब्लीस का तअल्लुक़ उसी क़बीला से है और आसमान व ज़मीन के दरमियान का वह निगरां था.( तारीखे तिबरी पाठ 1 पेज 61/62)
साईल को शायद इस बात पर तअज्जुब हुआ कि फरिश्ते नूर से पैदा हुए हैं और इब्लीस आग से तो इब्लीस कैसे फरिश्तों में से हो सकता है ? इसीलिए सवाल किए तो इसकी वज़ाहत इब्ने अब्बास रज़ि अल्लाहू अन्हुमा ने यूं की है कि इब्लीस फरिश्तों के उस क़बीले से तअल्लुक़ रखता था जिसे जिन कहा जाता है उस क़बीला के फरिश्तों को आग की गर्म लौ से पैदा किया गया था (यह लौ शोला में नज़र नहीं आती सिर्फ महसूस की जा सकती है और तमाम हिद्दत इसी में होती है) इब्लीस का नाम हारीस था और यह जन्नत के पहरेदारों में से एक पहरेदार था उसके अलावा बाकी तमाम फरिश्तों को नूर से पैदा किया .(तारीखे तिबरी पाठ1 पेज 62 मुतर्जिम)
والله و رسولہ اعلم باالصواب
अज़ क़लम
फक़ीर ताज मोहम्मद हन्फी क़ादरी वाहिदी उतरौलवी
हिंदी ट्रांसलेट
मोहम्मद रिज़वानुल क़ादरी सेमरबारी (दुदही कुशीनगर उत्तर प्रदेश)