(अपने भाई से तीन दिन तक बात ना करना कैसा है?)

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अपने भाई से तीन दिन तक बात ना करना कैसा है?


सवाल: मैं अपने भाई से तीन दिन तक बात नहीं किया उसके लिए क्या हुकुम है? बरा ए करम जवाब इनायत फरमाएं

साईल:मुस्तफा जाहिद (बनारस)

जवाब:सख्त मना है हदीस शरीफ में इसकी मुमानियत आई  है
(1)सही मुस्लिम व बुखारी में अबू अयूब अंसारी रज़ि  अल्लाहु ताला अन्हु से मरवी कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलेहे वसल्लम ने फरमाया आदमी के लिए यह हलाल नहीं कि अपने भाई को 3 दिन से ज्यादा छोड़ रखे कि दोनों मिलते हैं एक इधर से मुंह फेर लेता है और दूसरा उधर मुंह फेर लेता है और उन दोनों में बेहतर वह है जो पहले सलाम करे

(2)अबू दाउद ने हजरत आइशा रज़ि अल्लाहु अन्हा से रिवायत की कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे है वसल्लम ने फरमाया कि मुस्लिम के लिए यह नहीं कि दूसरे मुस्लिम को 3 दिन से ज्यादा छोड़ रखे जब उससे मुलाकात हो तो 3 मर्तबा सलाम कर ले अगर उस ने जवाब नहीं दिया तो उसका गुनाह भी उसी के जिम्मा है

(3)अबू दाऊद ने अबू  हुरैरा रज़ि अल्लाहु ताला अन्हु से रिवायत की कि रसूलल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने फरमाया मोमिन के लिए यह हलाल नहीं कि मोमिन को 3 दिन से ज्यादा छोड़ दे अगर 3 दिन गुजर गए मुलाकात कर ले और सलाम करे अगर दूसरे ने सलाम का जवाब दे दिया तो उज़र मैं दोनों शरीक हो गए और अगर जवाब नहीं दिया तो गुनाह उसके जिम्मा है और यह शख्स छोड़ने के गुनाह से निकल गया (बहार ए शरीयत हिस्सा 16)

 अज़ क़लम 
 अब्दुल वहाब रज़वी अशरफी



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