माँ से दूध बख्शवाना कैसा है
सवाल माँ से दूध बख्शवाना या माँ का दूध बख्शना कैसा है
जवाब माँ से दूध बख्शवाना बे अस्ल है क्यों कि दूध पिलाना वालिदा का हक़ है इर्शादे रब्बानी है
وَ الْوَالِدٰتُ یُرْضِعْنَ اَوْلَادَهُنَّ حَوْلَیْنِ كَامِلَیْنِ لِمَنْ اَرَادَ اَنْ یُّتِمَّ الرَّضَاعَةَ
और माँ एं दूध पिलाएं अपने बच्चों को पूरे दो बरस उस के लिए जो दूध की मुद्दत पूरी करनी चाहिए,
(कंज़ुल ईमान, सूरह बक़रा २३३)
तफसीरे सिरातुल जिनान में है कि बच्चों की परवरिश और उसको दूध पिलवाना बाप के ज़िम्मा वाजिब है उसके लिए वह दूध पिलाने वाली मुकर्रर करें लेकिन अगर माँ अपनी रगबत से बच्चा को दूध पिलाए तो मुस्तहब है,
माँ ख्वाह मुतल्लक़ा हो या ना हो उस पर अपने बच्चे को दूध पिलाना वाजिब है बशर्ते कि बाप को उजरत पर दूध पिलवाने की क़ुदरत ना हो या कोई दूध पिलाने वाली मयस्सर ना आए या बच्चा माँ के सिवा और किसी का दूध क़ुबूल ना करे अगर यह बातें ना हों यानी बच्चा की परवरिश खास माँ के दूध पर मौक़ूफ ना हो तो माँ पर दूध पिलाना वाजिब नहीं मुस्ताहब है,
मज़कूरा बाला इबारत से मालूम हुआ कि दूध पिलाना वालिदैन के ज़िम्मा है ना कि दूध पिला कर बच्चे पर एहसान किया है जिस की वजह से बेटा माँ से दूध बख्शवाए,
والله تعالی اعلم بالصواب
मिन जानिब
ज़हनी अज़माईश उर्दू ग्रुप